
भोपाल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में जल गंगा संवर्धन अभियान के रूप में जल संरक्षण के संकल्प की सिद्धि का मिशन बन गया है। यह अभियान प्रदेश में जन-सहभागिता की ऐतिहासिक पहल सिद्ध हुआ है। प्रदेश में 30 मार्च से 30 जून, 2025 तक संचालित इस अभियान का उद्देश्य नदियों, जल स्रोतों और वेटलैंड्स का संरक्षण तथा पुनर्जीवन सुनिश्चित करना है। जल संरक्षण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की उपलब्धियों को देश भर में सराहना मिली है। प्रदेश में रिकॉर्ड खेत तालाब बनाए जा रहे हैं। खेत तालाबों के लिए स्थान चयन में नवाचार किया जा रहा है। इसके लिए सिपरी सॉफ्टवेयर की मदद ली जा रही है।
सिपरी (सॉफ्टवेयर फॉर आइडेंटिफिकेशन एंड प्लानिंग ऑफ रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर) सॉफ्टवेयर को राज्य रोजगार गारंटी परिषद, भोपाल ने इसरो के सहयोग से तैयार कराया है। इस साफ्टवेयर का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के लिए उपयुक्त स्थलों की सटीक पहचान कर गुणवत्तापूर्ण संरचनाओं का निर्माण सुनिश्चित करना है। यह सॉफ्टवेयर जीआईएस आधारित वैज्ञानिक पद्धतियों से जल सरंचना स्थलों के चयन को अधिक सटीक बनाता है।
प्राचीन जल धरोहरों को सहेजने का उत्सव ‘बावड़ी-उत्सव’
देवास जिले ने जल गंगा संवर्धन अभियान में जन अभियान परिषद की कन्नौद इकाई ने धूत कृषि फार्म की प्राचीन बावड़ी ‘बाग कन्नौद’ में पौधारोपण किया। इसके साथ हनुमान चालीसा का पाठ और भजन कीर्तन कर प्राचीन बावड़ी की सफाई की गई। बावड़ी को लाइटिंग और दीपों से सजाया गया। अग्निहोत्र गंगा जी और नर्मदा जी की आरती और प्रसाद वितरण के साथ वावड़ी-उत्सव मानाया गया।
जल संरक्षण के प्रति जागरुकता के लिए संगोष्ठी
जल गंगा संवर्धन अभियान में जनअभियान परिषद की नरसिंहपुर इकाई ने चिनकी के गांव श्रीराम आरण्यक में जल व पर्यावरण संरक्षण पर संगोष्ठी आयोजित की। संगोष्ठी के बाद ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत सामूहिक पौधारोपण कर लोगों को पर्यावरण का संरक्षण संदेश दिया। संगोष्ठी में आने वाली पीढ़ी के प्रति जिम्मेदारी के निर्वाह के लिए पर्यावरण और जल संरक्षण के उपायों पर अमल करने का आह्वान किया गया। विशेषज्ञों ने आगामी मानसून के दिनों में जल का संरक्षण के उपाय बताये।
जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत रायसेन जिले में सिलवानी विकासखण्ड के आदर्श ग्राम ऊषापुर में ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति ने जल चौपाल का आयोजन किया। चौपाल में ग्रामवासियों को जल गंगा संवर्धन अभियान में सहभागिता का आहवान करते हुये जल संरक्षण का महत्व समझाया गया। गांव में सोख्ते गड्ढे बनाने, मेढ़ बंधान बनाने और नदी, तालाब, कुओं की साफ-सफाई रखने के लिए प्रोत्साहित किया गया। सभी ग्रामवासियो को जल संरक्षण और संवर्धन की शपथ भी दिलाई गई।