
मोहाली
पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच नाभा जेल ले जाया गया है। रविवार को मजीठिया की रिमांड खत्म हुई, जिसके बाद कोर्ट में पेशी हुई। मोहाली कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की ड्रग मनी लॉन्ड्रिंग केस में 25 जून को गिरफ्तारी हुई थी। पंजाब की विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया को उनके अमृतसर स्थित घर से गिरफ्तार किया था। अगले दिन कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड पर भेजा था, जिसे बाद में 4 दिन के लिए बढ़ाया गया। फिलहाल रिमांड खत्म होने के बाद रविवार को ही छुट्टी के दिन मोहाली कोर्ट में मजीठिया की पेशी हुई।
सरकारी वकील फेरी सोफत ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, "कुल 15 दिन की रिमांड थी। 12 दिन हो चुके हैं, लेकिन विजिलेंस विभाग ने 3 दिन रिजर्व रखे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर बाद में पूछताछ की जा सके।" वकील ने कहा कि विजिलेंस टीमें कई अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही हैं। बरामद दस्तावेजों के बाद मजीठिया को फिर से रिमांड पर लिया जा सकता है।
बिक्रम सिंह मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच मोहाली कोर्ट लाया गया। गाड़ियों के काफिले के अलावा सड़क पर जगह-जगह पुलिस की तैनाती रही। इस दौरान मजीठिया समर्थक और अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने कोर्ट तक पहुंचने की कोशिश की, जिन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया। मजीठिया को 19 जुलाई तक नाभा जेल भेजा गया है।
इधर, शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब पुलिस पर पार्टी नेताओं को घर में नजरबंद रखने के आरोप लगाए हैं। अकाली दल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "बिक्रम सिंह मजीठिया की अदालत में पेशी से पहले भगवंत मान सरकार फिर घबरा गई। सुबह-सुबह पुलिस भेजकर अकाली नेताओं को नजरबंद कर दिया, कोर कमेटी के सदस्य जत्थेदार तीरथ सिंह महला को नजरबंद कर दिया।"
इसी तरह अकाली दल ने आरोप लगाए कि "पूर्व मंत्री एवं कोर कमेटी सदस्य सिकंदर सिंह मलूका को मजीठिया की कोर्ट में होने वाली सुनवाई में जाने से रोकने के लिए पुलिस ने गांव मलूका में उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया। उनके घर के अंदर और बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।"