
भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को प्रदर्शन करना है तो चुपचाप करे, वे यह नाटक नौटंकी क्यों कर रहे हैं? मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर अशोकनगर के मुंगावली थाने में एक व्यक्ति को गलतबयानी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले का जिक्र करते हुए विश्वास सारंग ने कहा, “कांग्रेस चोरी और फिर सीनाजोरी की कहावत को सही साबित कर रही है। एक तरफ उन्होंने अपनी राजनीति को चमकाने के लिए संविधान का माखौल उठाया और दूसरी तरफ उन्होंने एक भोले-भाले व्यक्ति का अपमान किया। उसने खुद कहा है कि उसे बाइक का लालच देकर इस तरह की बयानबाजी कराई गई।”
उन्होंने कहा, “जीतू पटवारी ने उस व्यक्ति के मान का हनन किया और अब वे इस मुद्दे को लेकर शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर वे संविधान के पालन की बात करते हैं तो उन्हें चुपचाप जाकर गिरफ्तारी देनी चाहिए। मैं पूछता हूं कि वे यह नौटंकी क्यों कर रहे हैं? उन्हें सार्वजनिक रूप से उस व्यक्ति से माफी मांगनी चाहिए, जिसके मान को ठेस पहुंचाई गई। इससे बड़ा अपमान उसका नहीं हो सकता है।”
मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के सरकार में आने के दावे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “वे कहते हैं कि कुछ दिनों बाद हमारी सरकार आ जाएगी और यही दावा कमलनाथ ने भी किया था, लेकिन वे दहाई में रह गए। मैं इतना ही कहूंगा कि अगर वे (कांग्रेस) इस तरह के दावे करेंगे तो इकाई में पहुंच जाएंगे। जनता इस तरह की दादागिरी और बदमाशी को स्वीकार नहीं करेगी।”
इससे पहले, मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एफआईआर दर्ज होने पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, “मुद्दा मेरे या हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर का नहीं है। मुद्दा एक पीड़ित व्यक्ति का है। उसने 50 जगह शिकायत की, अलग-अलग वीडियो दिए और 300 किलोमीटर पैदल चलकर न्याय मांगने के बावजूद मेरे पास पहुंचा। मैंने विपक्ष के तौर पर अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाया। सरकार को इस व्यक्ति का दर्द समझना चाहिए था और अपराधी, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन क्योंकि आरोपी एक विधायक का रिश्तेदार, परिवार का सदस्य और सत्ताधारी पार्टी का कार्यकर्ता था, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय, जिसने दर्द सुना, उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की।”
मध्य प्रदेश सरकार जेल भेजेगी, तो जाएंगे : जीतू पटवारी
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को अशोकनगर में गिरफ्तारी देने जा रहे हैं और उन्होंने ऐलान किया है कि अगर सरकार उन्हें जेल भेजेगी तो वह जेल जाने को तैयार हैं। पिछले दिनों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ अशोकनगर के मुंगावली में प्रकरण दर्ज किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति को बरगला कर और प्रलोभन देकर गलत बयानी कराई। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक विद्वेष करार देते हुए विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। उसी क्रम में मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष सहित कांग्रेस के तमाम नेता गिरफ्तारी देने अशोकनगर जा रहे हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसे मानव मल खिलाया गया था, उसने कई जगह शिकायत की मगर प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मजबूरन वह व्यक्ति मुलाकात करने अशोकनगर से ओरछा पहुंचा और उसने हकीकत बयान की। बाद में प्रशासन ने उस पर दबाव डालकर एक शपथ पत्र ले लिया और प्रकरण दर्ज कर लिया। यह पूरी तरह अवैधानिक है और कांग्रेस लगातार पीड़ितों की लड़ाई लड़ती रही है, लड़ती रहेगी और अब गिरफ्तारी भी हम देने जा रहे हैं। अगर पुलिस प्रशासन जेल भेजता है, तो जेल जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी का कहना है आज सभी कांग्रेस नेता अशोकनगर आम जनता की लड़ाई लड़ने जा रहे है, जनता ने हमे विपक्ष का दायित्व दिया है। उनकी समस्याएं को लेकर हम लगातार लड़ते है, जो वादे जनता से भाजपा ने चुनाव में किए है उन्हें पूरा कराने के लिए सरकार से लगातार मांग करते हैं। हम विपक्ष की सकारात्मक भूमिका निभा रहे है। हमारी आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है, सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होने प्रशासन द्वारा प्रदर्शन को लेकर उठाए गए कदमों पर कहा, “जिस नियम के तहत अनुमति दी है उसी हिसाब से प्रदर्शन करेंगे। अगर हमें जेल में डालना है तो सरकार हमें जेल में डाल दे।” मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर विधानसभा में विधेयक लाने का वादा किया है, जिसका जिक्र करते हुए पटवारी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर मुख्यमंत्री का बयान बेहद गलत है। सरकार ओबीसी के युवाओं के साथ अन्याय कर रही है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम नए नियम बना रहे हैं, जबकि नियम बने हुए हैं। अगर उसमें सुधार करना है तो करो, पर देखने में आ रहा है कि सरकार कोर्ट में वकील खड़े करके ओबीसी आरक्षण लागू नहीं करना चाहती है।