
चंडीगढ़
सिरसा के ममेरा कलां गांव में अवैध प्ले स्कूल में चार वर्षीय मासूम बच्चे अरमान की दर्दनाक मौत के मामले में लिए गए संज्ञान पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
अखबारों में प्रकाशित खबर को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले की जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई आरंभ की है। सिरसा के ममेरा कलां गांव में अवैध रूप से संचालित प्ले स्कूल में बुनियादी सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते चार साल के मासूम बच्चे अरमान की जान चली गई।
यह प्ले स्कूल बिना पंजीकरण चल रहा था। ‘स्माल वंडर प्ले स्कूल’ नाम से यह स्कूल न तो सरकार के किसी विभाग से पंजीकृत था और न ही उसमें बच्चों की सुरक्षा के बुनियादी इंतजाम थे। जिला बाल कल्याण समिति की एक टीम ने स्कूल का निरीक्षण किया।
चार वर्षीय मृतक बच्चा अरमान सुबह स्कूल में अचानक बेहोश हो गया था। करीब 30 मिनट तक वह अचेत अवस्था में पड़ा रहा और स्टाफ मीटिंग में व्यस्त रहा। जब तक उसे अस्पताल ले जाया गया, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिवार ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने बच्चे की हालत को लेकर उन्हें गुमराह किया। हाईकोर्ट ने इस समाचार को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान लेकर सरकार को इस मामले में जवाब दायर करने का आदेश दिया ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न घटे।
अवैध स्कूलों को नोटिस तक जारी नहीं किए गए सिरसा में बच्चे की मौत मामले में जांच टीम स्कूल पहुंची तो स्कूल में केवल एक उपस्थिति रजिस्टर मिला। जांच में यह भी सामने आया कि ऐसे अवैध स्कूलों को बंद करने के नोटिस जारी नहीं किए गए थे। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से भारी लापरवाही की गई है। टीम को शौचालय और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिली।