
ग्वालियर
भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन नजदीक आते ही शहर की मिठाइयों की दुकानों पर मिठाई बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। लेकिन इस मिठास में कहीं मिलावट का जहर न घुल जाए, इसे लेकर खाद्य एवं औषधि विभाग ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। पिछले सालों में त्योहारों पर मिलावटी मावा, नकली घी और अशुद्ध दूध की आपूर्ति के कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे पहले से ही सख्त नजर रखी जा रही है, लेकिन सैंपल रिपोर्ट समय पर नहीं आने से कार्रवाई महज औपचारिकता लग रही है।
जांच के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीमें सक्रिय
रक्षाबंधन से पहले बाजार में बिकने वाले मावा, खोया, दूध, मिठाई, घी व तेल की गुणवत्ता की जांच के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीमें सक्रिय हैं। संदिग्ध दुकानों से नमूने लेकर भोपाल लैब भेजे जा रहे हैं, और बिना लाइसेंस व लेबलिंग वाले उत्पादों की बिक्री पर सख्ती की जा रही है, लेकिन शहर में फूड लैब शुरू नहीं होने से सख्ती बेअसर नजर आती है, क्योंकि सैंपल की जांच समय पर नहीं हो पा रही है।
मिलावट का खतरा सबसे अधिक मावा व मिठाई में
गर्म मौसम और बढ़ी हुई मांग को देखते हुए सबसे अधिक मिलावट मावा और मिठाइयों में होने की आशंका है। कई मामलों में स्टार्च, सिंथेटिक दूध, वनस्पति फैट और रासायनिक रंग का उपयोग कर नकली मिठाइयां तैयार की जाती हैं, जो लीवर, किडनी और आंतों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
पिछली कार्रवाई बनी चेतावनी
– अप्रैल 2024 में खाद्य विभाग ने मुरैना ले जाए जा रहे 4,780 किलो मिलावटी मावा को जब्त किया था।
– एक मसाला फैक्ट्री में 100 किलो लकड़ी का बुरादा और रंग बरामद हुआ था, जिसे मसालों में मिलाया जा रहा था।
– दिसंबर में नकली घी बनाने वाली फैक्ट्री भी पकड़ी गई, जहां दूध की जगह केमिकल बेस का उपयोग हो रहा था। इन कार्रवाइयों के बाद 18 दुकानों के लाइसेंस भी रद्द किए जा चुके हैं, जिससे मिलावटखोरों में हड़कंप मच गया है।
त्यौहार से पहले शहर में निगरानी तेज –
कलेक्टर डा. रुचिका चौहान के निर्देश पर फ्लाइंग स्क्वाड और स्थानीय प्रशासन की टीमें दुकानों, मिठाई कारखानों, डेयरियों व थोक बाजारों में सघन निरीक्षण कर रही हैं।
खाद्य अधिकारी डा. संतोष शर्मा के मुताबिक जो भी प्रतिष्ठान मिलावटी सामग्री बेचते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ FSSAI अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उपभोक्ताओं को सलाह
चमकदार, अत्यधिक रंगीन मिठाईयों से बचें ।
बिना ब्रांड, बिना पैकेजिंग व बिना बिल के खरीदारी न करें।
घर पर दूध, मावा की शुद्धता की जांच के लिए FSSAI द्वारा बताए गए घरेलू परीक्षण अपनाएं।