
फिरोजपुर
फिरोजपुर सीआईए स्टाफ ने पांच किलो हेरोइन व 29 लाख रुपये ड्रग्स मनी समेत दो तस्करों को काबू किया है। इनके पास से तीन मोबाइल भी बरामद हुए हैं। पकड़े गए आरोपी की पहचान साजन वासी बस्ती आवा और रमेश वासी गांव नौरंगके लेली वाला के तौर पर हुई है। थाना सिटी पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
नार्को-टेरर नेटवर्क का भंडाफोड़: अंकुश कपूर मास्टरमाइंड, 8 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 2020 के अंतरराष्ट्रीय नार्को-आतंकी गठजोड़ मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। पाकिस्तान से समुद्री मार्ग के जरिए गुजरात में ड्रग्स की तस्करी के मामले में यह कार्रवाई की गई है। ड्रग्स की कमाई लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकी संगठन को फंडिंग के लिए इस्तेमाल होनी थी।
एनआईए ने दायर अपनी आठवीं पूरक चार्जशीट में यह स्पष्ट किया है कि यह साजिश इटली बेस्ड सिमरनजीत सिंह संधू, ऑस्ट्रेलिया निवासी तनवीर बेदी और भारत में अंकुश कपूर ने रची थी। चार्जशीट अहमदाबाद की एनआईए विशेष अदालत में एनडीपीएस एक्ट और यूए (पी) एक्ट की धाराओं के तहत दाखिल की गई है। इसके अलावा आरोपियों में पाकिस्तान के नागरिक तारिक उर्फ भाईजान, गगनदीप सिंह अरोड़ा, तमन्ना गुप्ता, सुखबीर सिंह उर्फ हैप्पी और अनवर मसीह भी शामिल हैं।
जांच में सामने आया कि पाकिस्तान से करीब 500 किलोग्राम हेरोइन गुजरात लाई गई थी, जिसे आगे पंजाब भेजा गया था। इस ड्रग्स की बिक्री से मिली रकम लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होती थी।
एनआईए की जांच में पता चला कि यह नार्को-टेरर नेटवर्क गुजरात, दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ समेत कई राज्यों में फैला था, जो आगे इटली, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, पाकिस्तान, ईरान और थाईलैंड जैसे देशों तक फैला हुआ था।
जांच के अनुसार, अंकुश कपूर भारत में नार्को-टेरर सिंडिकेट का मुख्य संचालक था, जिसकी पंजाब में तस्करी के जमीनी संचालन, लॉजिस्टिक्स, स्टोरेज और स्थानीय वितरण की जिम्मेदार थी। सिमरनजीत इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड था, जो अवैध ड्रग्स की सप्लाई, स्टोरेज, प्रोसेसिंग और फंडिंग का काम देखता था।
तनवीर बेदी ने अंतरराष्ट्रीय हवाला चैनलों के जरिए आतंकी समूह की भारत में गतिविधियों के लिए फंडिंग की। वहीं फरार गगनदीप सिंह अरोड़ा बड़ी धनराशि के स्थानांतरण में शामिल था।
अब तक इस मामले में कुल 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि आठ आरोपी फरार हैं।
एनआईए फरार आरोपियों की तलाश में है, ताकि इस सिंडिकेट को खत्म करने के साथ ड्रग्स तस्करी और आतंकवाद के गठजोड़ को समाप्त किया जा सके।