
नई दिल्ली
दिवाली का मौका भारत में नई कार खरीदने का सबसे शुभ समय माना जाता है। इस दौरान ऑटोमोबाइल कंपनियां जबरदस्त डिस्काउंट और ऑफर लाती हैं, जिससे खरीदारी का उत्साह और भी बढ़ जाता है। लेकिन नई कार खरीदना सिर्फ एक लेनदेन नहीं होता, बल्कि यह महीनों से बनाई गई योजना, बचत और इंतजार का नतीजा होता है। इसलिए, जब आप शोरूम से अपनी नई कार लेकर निकलें, तो उससे पहले एक बार पूरी तरह प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) जरूर कर लें। यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी कार बिल्कुल सही हालत में है, और सब कुछ वैसा ही है जैसा वादा किया गया था।
सबसे पहले बाहरी बॉडी को ध्यान से जांचें
दिन की रोशनी में कार के चारों ओर धीरे-धीरे चलकर उसे गौर से देखें। देखें कि कहीं पेंट पर खरोंच, डेंट या असमान रंग तो नहीं है। दरवाजे, बोनट और डिक्की आसानी से खुल और बंद हो रहे हों, यह भी जांचें। यह छोटी-सी जांच आपको बाद में बड़ी परेशानी या बॉडी रिपेयर खर्चों से बचा सकती है। सोशल मीडिया पर कई मामलों में देखा गया है कि कुछ डीलर डिलीवरी से पहले कार में हुए नुकसान को छिपाने की कोशिश करते हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।
टायर, लाइट्स और शीशों पर ध्यान दें
सभी टायर नए और बिना किसी कट या घिसावट के होने चाहिए। चारों टायर और स्पेयर टायर (स्टेपनी) एक ही ब्रांड और साइज के हों, यह भी चेक करें।
अब लाइट्स पर ध्यान दें कि हेडलाइट, टेललाइट, इंडिकेटर और फॉग लाइट सब ठीक से जल रहे हैं या नहीं। किसी लाइट में नमी या क्रैक न हो। विंडशील्ड और खिड़कियों के शीशे साफ-सुथरे और खरोंच-रहित होने चाहिए।
अंदर बैठकर करें पूरी केबिन जांच
कार का इंटीरियर नई गाड़ी जैसी खुशबू दे और साफ-सुथरा लगे। पावर विंडो, सेंट्रल लॉकिंग, एसी, म्यूजिक सिस्टम, हॉर्न, वाइपर, और स्टीयरिंग कंट्रोल, हर बटन दबाकर जांचें कि सब कुछ सही तरह से काम कर रहा है।
सीटों और मिरर को एडजस्ट करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे आसानी से काम कर रहे हैं। आखिर में, ओडोमीटर जरूर देखें। नई कार में किलोमीटर रीडिंग 30 किमी से कम होनी चाहिए। इससे ज्यादा दिखने पर डीलर से सफाई मांगें।
बोनट खोलकर इंजन और नीचे का हिस्सा देखें
भले ही आप टेक्निकल न हों, फिर भी बोनट के नीचे एक नजर जरूर डालें। कोई तेल रिसाव, ढीली वायरिंग या अलग हुआ पार्ट तो नहीं दिख रहा, यह देखें। इंजन ऑयल, ब्रेक फ्लूइड और कूलेंट का स्तर सही है या नहीं, यह भी जांचें।
कार के नीचे देखें कि कहीं जंग, खरोंच या कोई टूटा हिस्सा तो नहीं है। इससे पता चलता है कि कार को स्टोरेज या ट्रांसपोर्ट के दौरान सही से संभाला गया या नहीं।
दस्तावेज और एक्सेसरी की जांच करें
यहीं ज्यादातर लोग गलती करते हैं। डिलीवरी लेते वक्त हर डॉक्युमेंट को ध्यान से चेक करें- इनवॉयस, इंश्योरेंस, आरसी पेपर, और ओनर मैनुअल। इंजन नंबर और व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर (VIN) को कार के नंबर से मिलाएं।
साथ ही देखें कि आपको सभी वादा किए गए एक्सेसरी मिले हैं या नहीं। जैसे फ्लोर मैट, मड फ्लैप, टूल किट और स्पेयर व्हील। कभी-कभी डीलर बाद में लगवाने का वादा करते हैं, तो पहले ही सुनिश्चित करें कि सब सही से इंस्टॉल हुआ है।
डिलीवरी नोट पर साइन करने से पहले कार को शोरूम या पार्किंग एरिया में थोड़ा चलाकर देखें। गियर शिफ्ट, ब्रेक और स्टीयरिंग सब स्मूद चल रहे हैं या नहीं, और कोई अजीब आवाज तो नहीं आ रही। डैशबोर्ड पर कोई वॉर्निंग लाइट दिखे तो तुरंत पूछें।
अगर कुछ भी असामान्य लगे, तो कागजों पर साइन करने से पहले ही डीलर से समाधान करवाएं। एक बार साइन कर देने के बाद वॉरंटी के तहत समस्या सुलझाना मुश्किल हो सकता है।
दिवाली पर नई कार की डिलीवरी लेना एक यादगार पल होता है। लेकिन इस खुशी के बीच यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपकी गाड़ी बिल्कुल परफेक्ट हालत में हो। थोड़ी सी सावधानी से न सिर्फ आपकी सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि आने वाले वर्षों तक आपकी ड्राइविंग का अनुभव बेफिक्र और मजेदार रहेगा।