उज्जैन
मध्य प्रदेश की धर्म नगरी उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर की प्रबंधक कमेटी की बैठक हुई। बैठक में कार्तिक अगहन सवारी की तैयारियों पर चर्चा हुई। इसके बाद गर्भ गृह में तीन दिन पहले हुए महंत और पुजारी विवाद की रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने दोनों पर 15 दिन तक विशेष दर्शन पर प्रतिबंध लगा दिये हैं।
कार्तिक अगहन में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी को लेकर शनिवार शाम मंदिर प्रबंध समिति की बैठक की गई। बैठक में 22 अक्टूबर को मंदिर के गर्भगृह में ऋणमुक्तेश्वर के महंत और महावीर नाथ के पुजारी महेश शर्मा के बीच हुए विवाद की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी द्वार पेश रिपोर्ट के आधार पर समिति ने बड़ा फैसला लिया है। कमेटी के फैसले के तहत दोनों 15 दिन तक विशेष मार्ग से मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे और न ही गर्भगृह में प्रवेश कर पूजा कर सकेंगे। दोनों सिर्फ आम दर्शनार्थी की तरह मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। मंदिर समिति के इस निर्णय के बाद विवाद को खत्म माना जा रहा है।
क्या है विवाद का कारण?
दरअसल, 22 अक्टूबर की सुबह महंत महावीर नाथ गोरखपुर से आए संत शंकरनाथ के साथ महाकाल मंदिर में दर्शन करने गए थे। यहां महंत के सिर पर फेटा देख पुजारी शर्मा ने उन्हें टोक दिया। इसी बात शुरु हुए विवाद में दोनों गर्भगृह में ही भिड़ गए। मामले को तूल पकड़ता देख प्रशासक प्रथम कौशिक ने 3 सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए, जिसकी रिपोर्ट सामने आने के बाद इस मामले में कारवाई हुई है। बता दें कि दोनों के विवाद से मंदिर की साख प्रभावित होने की बात कही जा रही है।
सवारी में महाकाल बैंड रहेगी मुख्य आकर्षण
कलेक्टर रोशन सिंह ने बताया कि, आज 27 अक्टूबर से बाबा महाकाल की कार्तिक-अगहन माह की सवारी शुरू हो रही है। सवारी के इंतजाम और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक ली गई। बैठक में सभी विभागों को उनकी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। खासतौर पर सवारी में पहली बार शामिल होने वाला महाकाल बैंड मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगा। 3 नवंबर को सवारी के साथ हरिहर मिलन होगा, जिसमें अनुमति वाली आतिशबाजी की जा सकेगी।
