
भोपाल
मध्य प्रदेश में अभी भी 3,400 से अधिक बालिकाएं लापता हैं। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल होने पर उसकी लोकेशन से पता करने की सुविधा होने का बाद भी उनका पता नहीं लगाया जा सका है।
गृह विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 28 फरवरी तक प्रदेश में 5,100 बालिकाएं गुम थीं। रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग ढाई हजार बालिकाएं गुम हो रही हैं। पुराने आंकड़ों को भी मिला लें तो संख्या लगभग 4,500 से पांच हजार के बीच पहुंच जाती है।
50 प्रतिशत बालिकाओं को ही खोज पाते हैं
इनमें पुलिस प्रति वर्ष पुराने और उस वर्ष के मिलाकर लगभग 50 प्रतिशत बालिकाओं को ही खोज पाती है। ऑपरेशन मुस्कान के अंतर्गत वर्ष 2021 से फरवरी 2025 तक गुम बालिकाओं में 14 हजार 269 को खोजा गया है। इसके बाद भी 3,434 लापता हैं। यह अब तक का दूसरा बड़ा आंकड़ा है।
ऑपरेशन मुस्कान चलाकर गुम बालिकाओं को खोजते हैं
इसके पहले एक मार्च 2024 की स्थिति में गुम बालिकाओं की संख्या 3,620 थी। बता दें कि पुलिस द्वारा पूरे प्रदेश में दो बार जनवरी-फरवरी और अगस्त-सितंबर में ऑपरेशन मुस्कान चलाकर गुम बालिकाओं को खोजा जाता है।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर बालिकाएं परिवार से नाराज होकर जाती हैं। अन्य मामलों में भगाकर ले जाना, मजदूरी के लिए लेकर जाना, प्रेमी के साथ जाना और काम के लिए कहीं चले जाना शामिल है।