
चंडीगढ़
पंजाब में बाढ़ से कितना नुकसान हुआ है, इसके लिए अब सरकार नए सिरे से स्टडी कर मेमोरेंडम तैयार कर रही है। इसको लेकर पंजाब के चीफ सेक्रेटरी के.ए.पी. सिन्हा आज (8 अक्टूबर) के.आई.पी. सिंह और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मीटिंग कर रहे हैं।
जल्दी ही इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। सिंचाई मंत्री वरिंदर कुमार गोयल का कहना है कि प्रधानमंत्री खुद हेलिकॉप्टर से स्थिति का जायजा ले चुके हैं। उनका कहना है कि 1,600 करोड़ की बात बीच में रह गई है। पहले टोकन मनी तो भेज दें। पंजाब को इस समय मदद की जरूरत है।
1987 के बाद आई भीषण बाढ़
पंजाब में 1987 के बाद पहली बार भीषण बाढ़ आई है। इस वजह से राज्य के 23 जिलों में नुकसान हुआ है। सरकार का अनुमान है कि 20,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। स्कूल, कॉलेजों से लेकर लोगों के घर तक बह गए हैं। 60 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ प्रभावितों के लिए पंजाब सरकार ने दिवाली तक मुआवजा देने का ऐलान तक किया है।
वहीं, राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा खुद प्रधानमंत्री ले चुके हैं। उन्होंने 10 सितंबर को पंजाब का दौरा किया था। वह बाढ़ प्रभावितों से मिले थे। इस दौरान उन्होंने फौरी मदद के रूप में 1,600 करोड़ रुपए का ऐलान किया था, जबकि कहा था कि एसडीआरएफ के 13,000 करोड़ रुपए पंजाब के पास हैं। जिसको लेकर पंजाब की राजनीति गरमा गई है। केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है।
दिल्ली में गृहमंत्री से मिले थे
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने 30 सितंबर को गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी। करीब 25 मिनट की मीटिंग चली थी। इस दौरान उन्होंने पंजाब में हुए नुकसान के बारे में बताया था। साथ ही पंजाब की मदद करने के लिए कहा था। सीएम ने मीडिया से कहा था कि गृहमंत्री ने विश्वास दिलाया है कि पंजाब को हर संभव मदद दी जाएगी।