
नई दिल्ली
देशभर में साइबर आधारित वित्तीय अपराधों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन 'चक्र-वी' के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली, हिसार, लखनऊ, मुंबई, पुणे और नासिक समेत कुल 10 स्थानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई एक संगठित साइबर निवेश धोखाधड़ी के मामले में की गई।
इस दौरान सीबीआई ने मुंबई के कल्याण निवासी एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो धोखाधड़ी में सक्रिय रूप से शामिल था। वह साइबर अपराधियों को पहले से सक्रिय सिम कार्ड और ‘म्यूल’ बैंक खातों की आपूर्ति करता था, जिससे इन अवैध गतिविधियों को अंजाम देना संभव हो सका। तलाशी के दौरान आरोपी के पास से बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य बरामद हुए हैं।
यह मामला एक सुनियोजित धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसमें लोगों को फर्जी मोबाइल ऐप और व्हाट्सऐप ग्रुप्स के माध्यम से ठगा गया। अपराधियों ने नामी कंपनियों के शेयर सस्ते दामों पर दिलवाने का झांसा देकर भोले-भाले निवेशकों से पैसा वसूला और बाद में धन का गबन कर लिया। इससे लोगों को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
सीबीआई ने बताया कि छापेमारी के दौरान मिले सबूतों से यह स्पष्ट होता है कि कैसे जटिल तरीकों से मासूम निवेशकों को शिकार बनाया गया।
सीबीआई के ऑपरेशन चक्र-वी से यह स्पष्ट है कि एजेंसी साइबर अपराध सिंडिकेट और उनके सहयोगी ढांचे को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही, जांच अब भी जारी है।
बता दें कि साइबर अपराध से शायद ही देश का कोई शहर अछूता हो। इस जाल में पढ़े-लिखे लोग भी फंस रहे हैं और करोड़ों रुपए गंवा रहे हैं। साइबर अपराधी तरह-तरह के हथकंडे अपनाते रहते हैं और पैसे ठगते रहते हैं।
हाल ही में हरियाणा में सात करोड़ रुपए की साइबर ठगी का मामला सामने आया था। इस मामले में हरियाणा पुलिस ने बिहार के गोपालगंज से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।