भोपाल
मध्य प्रदेश में प्रशासनिक स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग ने राज्य के कलेक्टरों, एसडीएमों और तहसीलदारों के तबादलों पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है. यह फैसला मुख्य रूप से विशेष गहन पुनरक्षिण कार्य (Special Intensive Revision – SIR) के महत्व को देखते हुए लिया गया है, जो मतदाता सूची पुनरीक्षण से संबंधित है.आयोग के निर्देशानुसार ये तबादले अब 7 फरवरी 2026 तक नहीं किए जाएंगे.
MP में अफसरों के ट्रांसफर पर रोक!
दरअसल, राज्य में कलेक्टर, SDM (जॉइंट कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर) और तहसीलदारों के ट्रांसफर 7 फरवरी तक नहीं हो पाएंगे. चुनाव आयोग ने चीफ सेक्रेटरी को निर्देश जारी कर कहा है कि SIR प्रोसेस पूरा होने तक इन अधिकारियों का ट्रांसफर न किया जाए. बहुत ज़रूरी होने पर ही चुनाव आयोग से परमिशन लेकर ट्रांसफर किए जा सकेंगे. सरकार इस दौरान सीनियर IAS अधिकारियों का ट्रांसफर कर सकेगी और इस पर कोई रोक नहीं होगी.
भारत निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर जारी निर्देश में मुख्य सचिव से साफ तौर पर कहा है कि मतदाता सूची के काम में जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (जॉइंट कलेक्टर या डिप्टी कलेक्टर), सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (तहसीलदार या नायब तहसीलदार) के तबादले एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने के बाद नहीं होंगे।
आयोग ने कहा है कि मुख्य सचिव की यह भी जिम्मेदारी होगी कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का पद रिक्त नहीं होना चाहिए ताकि आयोग द्वारा तय टाइमलाइन में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की कार्यवाही की जा सके। इस काम में आवश्यक बीएलओ और सुपरवाइजर्स की कमी भी नहीं हो, इसका ध्यान कलेक्टर और राज्य शासन रखेगा।
7 फरवरी 2026 के बाद होंगे तबादले
बता दें कि तबादलों पर रोक SIR यानी विशेष गहन पुनरक्षिण कार्य के कारण लगाई गई है. मूल्यांकन/प्रशिक्षण 28 अक्टूबर से 3 नवंबर, 2025 तक होगी. घर-घर जाकर गिनती 4 नवंबर से 4 दिसंबर, 2025 तक होगी. प्रारंभिक मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसंबर, 2025 को किया जाएगा. दावे/आपत्तियों की का समय 9 दिसंबर, 2025 से 8 जनवरी, 2026 तक होगा. फाइनल वोटर लिस्ट 7 फरवरी 2026 को पब्लिश की जाएगी. निर्देशों के मुताबिक ये ट्रांसफर अब 7 फरवरी, 2026 तक नहीं किए जाएंगे.
अपर कलेक्टर प्रभावित नहीं, संभागायुक्त मॉनिटरिंग करेंगे चुनाव आयोग ने वैसे तो तबादले से संभागायुक्तों को सीधे तौर पर प्रतिबंधित नहीं किया है लेकिन मतदाता सूची के परीक्षण की पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी संभागायुक्तों को सौंपी गई है। इसलिए संभागायुक्त भी तबादले से बचे रह सकते हैं। जिलों में पदस्थ अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी जो अपर कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत की जिम्मेदारी निभाते हैं वे जरूर चुनाव आयोग के तबादला प्रतिबंध के दायरे में नहीं आएंगे। सरकार उनके तबादले कर सकती है।
आईपीएस, एसपीएस और सीनियर आईएएस पर भी रोक नहीं चुनाव आयोग ने यह भी साफ किया है कि पुलिस अधीक्षक, आईजी और अन्य सीनियर आईपीएस के अलावा एसडीओपी, सीएसपी, डीएसपी स्तर के अधिकारी या टीआई भी किसी तरह के तबादले के प्रतिबंध में नहीं रहेंगे। सरकार चाहे तो मंत्रालय और विभिन्न विभागों में पदस्थ सीनियर आईएएस अफसरों के भी तबादले कर सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये अधिकारी मतदाता सूची के रजिस्ट्रीकरण की कार्यवाही से किसी तरह से सीधे तौर पर नहीं जुड़े हैं।
कलेक्टरों, संभागायुक्तों को आज मिलेगी ट्रेनिंग
उधर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी तथा संभागायुक्तों को SIR की ट्रेनिंग देगा। इसको लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि कलेक्टरों, संभागायुक्तों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दी जाने वाली ट्रेनिंग में उपस्थित रहने के निर्देश शासन स्तर पर जारी किए जाएं।
चुनाव से जुड़ी मुख्य तारीखें
मूल्यांकन/प्रशिक्षण: 28 अक्टूबर से 3 नवम्बर 2025
घर-घर गणना: 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2025
प्रारंभिक मतदाता सूची प्रकाशन: 9 दिसम्बर 2025
दावे/आपत्तियों की अवधी: 9 दिसम्बर 2025 से 8 जनवरी 2026
अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन: 7 फरवरी 2026
