
चंडीगढ़,
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में शनिवार रात से जारी भारी बारिश ने पंजाब के पठानकोट जिले में भारी तबाही मचा दी है। नदियों और खड्डों के उफान के कारण कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सबसे बड़ा नुकसान चक्की नदी में हुआ है, जहां पठानकोट-जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना पुराना पुल बह गया है। इससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है और प्रशासन ने एहतियातन नया पुल भी बंद कर दिया है।
चक्की नदी बना सबसे बड़ा खतरा
पठानकोट को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला रेलवे पुल भी चक्की नदी के तेज बहाव से खतरे में है। बहते पानी ने इसकी संरचना को प्रभावित किया है। प्रशासन ने हालात की गंभीरता को देखते हुए चक्की नदी पर बने नए पुल को भी बंद कर दिया, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग का यातायात एक तरफ से रोक दिया गया है।
नदियां उफान पर, गांव डूबे
भारी बारिश से उज्ज दरिया, रावी नदी और जलालिया दरिया का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। कई गांवों की सड़कें कट गई हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों का संपर्क टूट गया है। कंडी क्षेत्र के धार कलां के पास फर्शी खड्ड में आई बाढ़ से लोग दहशत में हैं। वहीं, गांव कोठे मनवाल और खानपुर में खड्ड के तेज बहाव में दो मंजिला मकान ताश के पत्तों की तरह ढह गया।
प्रशासन ने कराया इलाका खाली
चक्की खड्ड का जलस्तर बढ़ने से वार्ड नंबर-12 के सैली कुलियां क्षेत्र को खाली करवाया गया है। उधर पठानकोट-चंबा-डल्हौजी नेशनल हाईवे पर पानी भर जाने से यातायात ठप हो गया है और लंबा जाम लग गया है। साथ ही, नेशनल हाईवे 154ए पर भूस्खलन और पठानकोट-जुगयाल क्षेत्र में लैंडस्लाइड से यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है।
डैम का जलस्तर बढ़ा, अलर्ट जारी
रणजीत सागर डैम का जलस्तर 524.94 मीटर दर्ज किया गया है और यह खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। डैम प्रशासन ने कहा है कि अगर स्तर 525 मीटर तक पहुंचा तो फ्लड गेट खोले जा सकते हैं। लोगों को पहले ही सतर्क करने के लिए सायरन बजाए जा रहे हैं। इसी तरह पौंग बांध और भाखड़ा डैम में भी पानी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है।
फसलों को भारी नुकसान
पठानकोट समेत सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ से किसानों की खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं। खेतों तक पानी पहुंचने से बड़े पैमाने पर कृषि नुकसान हुआ है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने पंजाब के सात जिलों-पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, नवांशहर, रोपड़ और मोहाली में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। ब्यास नदी का जलस्तर दो दिनों में 1,16,615 क्यूसेक से बढ़कर 1,74,000 क्यूसेक तक पहुंच गया है। एसडीएम बाबा बकाला साहिब अमनप्रीत सिंह ने लोगों को नदी किनारे न जाने की सख्त हिदायत दी है।
सरकार की सख्ती और राहत कार्य
सरकार ने सभी नेताओं और जिलाधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के आदेश दिए हैं। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने फाजिल्का के बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया और लोगों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। राहत एवं बचाव टीमें अलर्ट पर हैं और जरूरत पड़ते ही फ्लड गेट खोले जा सकते हैं।