सीहोर
सीहोर के निकट चितावलिया हेमा स्थित कुबेरेश्वर धाम परिसर में इस वर्ष 4 नवंबर को हरि-हर मिलन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हर वर्ष की तरह इस बार भी यह आयोजन अत्यंत भव्य रूप में संपन्न होगा। निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में इन दिनों तैयारियों का दौर तेजी पर है। मंच साज-सज्जा, प्रसादी व्यवस्था और भक्तों के ठहरने हेतु विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सान्निध्य में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में हर वर्ग के श्रद्धालु भाग लेते हैं। सुबह से ही बाबा कुबेरेश्वर महादेव की आरती, अभिषेक और भोग लगाने के बाद नि:शुल्क भंडारा आरंभ हो जाता है। भक्तों की भीड़ में उमंग और भक्ति का अद्भुत संगम दिखाई देता है।
पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर कार्तिक मास में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दीपदान करने कुबेरेश्वरधाम पहुंच रहे हैं। दीप ज्वलन और दान को इस पवित्र महीने में अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इन दिनों चारों ओर जलते दीपक और हरि-हर के जयघोष से मंदिर परिसर अलौकिक आभा से भर उठता है।
इस वर्ष भी गुरुदेव के आदेश अनुसार 29 अक्टूबर को अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा। यह आयोजन हर बार भक्तों के लिए सेवा और समर्पण की प्रेरणा लेकर आता है। भोग प्रसादी के रूप में हजारों श्रद्धालु खाद्यान्न वितरण में सहभागी बनते हैं। यह परंपरा गांव-गांव में संस्कारों का विस्तार करती है।
चार नवंबर को होने वाला हरि-हर मिलन उस क्षण का प्रतीक है, जब भगवान विष्णु और भगवान शंकर का आध्यात्मिक मिलन दर्शाया जाता है। यह दृश्य भक्तों को जीवन में एकता, प्रेम और सहअस्तित्व का संदेश देता है। मंदिर के प्रांगण में गूंजते शंखनाद और भजन इस मिलन को दिव्यता के चरम पर पहुंचाते हैं।
महोत्सव के दौरान देशभर से आने वाले श्रद्धालु यहां अपने परिवार सहित उपस्थित रहेंगे। निरंतर चलने वाले भंडारे, कथा वाचन, मंत्र उच्चारण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब जाएगा। कुबेरेश्वर धाम एक बार फिर जीवंत साक्षी बनेगा उस दिव्य अनुभूति का, जो केवल आस्था से संभव है।
