
कैथल
हरियाणा में कैथल के रहने वाले जवान संजय सिंह सैनी (39) लेह लद्दाख में शहीद हो गए। वह सेना की 10 सिख रेजिमेंट में तैनात थे। उनका पार्थिव शरीर आज (9 जुलाई) हेलिकॉप्टर के जरिए चंडीगढ़ लाया जाएगा। दोपहर बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका कवारतन गांव में अंतिम संस्कार आज.
परिवार ने बताया कि लद्दाख में तूफान आने के बाद ठंड बढ़ गई थी। इस वजह से संजय के सिर में खून जम गया। इसकी वजह से वह शहीद हो गए। मंगलवार को उनका सेना के अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया। 3 महीने पहले संजय के पिता का निधन हुआ था। तब वह छुट्टी लेकर गांव आए थे।
परिवार की संजय सिंह पर 3 बातें…
1. 2004 में सेना में भर्ती हुए जागर सिंह ने बताया कि संजय 2004 में सेना में भर्ती हुए थे। 2005 में उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई। उनकी ड्यूटी को 20 साल हो चुके थे। परिवार के लोग संजय को कह रहे थे कि रिटायरमेंट ले लो, लेकिन संजय हमेशा यही कहते थे कि अभी मेरे 2 साल और पड़े हैं, मुझे देश की सेवा करनी है।
2. ठंड में सिर में खून जमा जागर सिंह ने बताया कि 2 दिन पहले लेह-लद्दाख में ज्यादा ठंड के कारण अचानक तूफान आ गया था। इस तूफान में संजय के सिर में खून जम गया, जिसके कारण उनके शरीर में रक्त का संचार रुक गया। इस वजह से वे वहीं शहीद हो गए। संजय का परिवार साधारण था। घर में पत्नी के अलावा 14 और 11 साल के 2 बेटे, बुजुर्ग मां और बड़ा भाई है।
3. आखिरी बार कहा था- यहां सब ठीक है संजय के चाचा शमशेर सिंह ने बताया कि 3 महीने पहले संजय के पिता का देहांत हो गया था। तब वह छुट्टी लेकर घर आए थे। उनकी संजय से कई दिन पहले बातचीत हुई थी। तब उन्होंने कहा था कि यहां सब कुछ ठीक है। गांव के सरपंच के पास सेना के उच्च अधिकारियों का फोन आया था। उन्होंने ही संजय की शहादत की बात बताई।