 
                जबलपुर
वीआइपी दौरे और लॉ एंड ऑर्डर के चलते प्रभावित होने वाले राजस्व प्रकरणों की समस्या को हल करने के लिए जिले में नई पहल की गई है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिले में राजस्व अधिकारियों का नया सेटअप तैयार किया गया है। अब राजस्व न्यायालय का कामकाज संभालने वाले अधिकारियों को वीआइपी दौरे और लॉ एंड आर्डर की जिमेदारी से मुक्त कर दिया गया है।
अब अदालती काम में लगाए गए तहसीलदार और नायब तहसीलदार केवल अदालत का काम ही देखेंगे। वे सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक तहसीलों में बैठकर राजस्व प्रकरणों का निपटारा करेंगे।
प्रोटोकॉल देखेंगे 14 अधिकारी
नए आदेश में प्रोटोकॉल और कानून व्यवस्था संबंधी कार्यों के लिये पृथक से 14 राजस्व अधिकारियों की पदस्थापना की गई है। शहरी क्षेत्र के मामले में अपर जिला दंडाधिकारी शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के मामले में संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को थाना क्षेत्र का आवंटन करने के निर्देश दिये हैं। गैर न्यायालयीन कार्यों के लिए नियुक्त प्रभारी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, प्रभारी अधीक्षक भू-अभिलेख एवं प्रभारी सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट का उत्तरदायित्व सौंपा गया है।
पक्षकार होते थे परेशान
दरअसल, वीआइपी दौरों के प्रोटोकॉल और अचानक उत्पन्न होने वाली लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को संभालने की जिमेदारी का असर राजस्व प्रकरणों के निपटारे पर पड़ता था। इससे न केवल आम पक्षकार परेशान होते हैं, बल्कि राजस्व विभाग की छवि पर गंभीर असर पड़ता है। इससे निपटने के लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने दो तरह का सेटअप तैयार कराया।
राजस्व कोर्ट की बढ़ी संख्या
नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन जैसे राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गति लाने तथा समय सीमा के भीतर उनका निराकरण करने के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है। इसके साथ ही राजस्व न्यायालयों की संया 22 से बढ़ाकर 27 कर दी गई है। इन अधिकारियों की ड्यूटी प्रोटोकॉल, कानून व्यवस्था आदि कार्यों में नहीं लगाई जा सकेगी।
संवाद पर जोर
नए सेटप के साथ आम जनमानस से संवाद पर भी जोर दिया गया है। अदालती काम संभालने वाले राजस्व अधिकारी अब सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक कोर्ट में बैठेंगे। इससे अवगत कराने पूरे जिले में 22 जुलाई को एक साथ सभी तहसीलों में बैठकों का आयोजन किया जाएगा।

 
                     
                     
                    