
गढ़शंकर
गढ़शंकर के बीत क्षेत्र के गांव कोकोवाल मजारी के जंगल की खड्डों में अवैध माइनिंग जारी है। बरसात से पहले खनन माफिया ने हजारों टिप्पर पत्थरों का अवैध खनन किया था। अब बरसात के बाद यह माफिया एक बार फिर से सक्रिय हो गया है और वह जंगलात विभाग की कड़ी धाराओं वाले इलाके में सरेआम अवैध माइनिंग कर रहे हैं। अब जबकि बरसात खत्म हो चुका है, बीत इलाके के कोकोवाल मजारी गांव के जंगल में माइनिंग माफिया पिछले 3 दिनों से अवैध खनन में व्यस्त हैं। जे.सी.बी. की मदद से वे जंगल में बीस से तीस फीट गहरी खुदाई कर रहे हैं और उसे टिप्परों में भर कर स्टोन क्रशर तक ले जा रहे हैं। एक तरफ पंजाब सरकार ने माइनिंग पर सख्त पाबंदी लगा रखी है, लेकिन इसके बावजूद यहां प्रशासन से मिलीभगत कर खुलेआम अवैध माइनिंग की जा रही है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।
गढ़शंकर का कोकोवाल मजारी जंगल श्री आनंदपुर साहिब निर्वाचन क्षेत्र के भंगला गांव और हिमाचल प्रदेश के बाथरी गांव की सीमा से सटा है, नतीजतन, खनन माफिया इन सीमाओं का फायदा उठाकर बड़े पैमाने पर अवैध खनन करते हैं, जबकि दोनों तरफ के संबंधित विभाग यह दावा करके अपनी कार्रवाई को सही ठहराने की कोशिश करते हैं कि खनन एक-दूसरे की सीमा के भीतर हुआ है कह कर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ लेते हैं।
जमीन बचाओ, गांव बचाओ कमेटी के सदस्य कामरेड कुलभूषण कुमार, कामरेड रविंदर नीटा, रामजी दास चौहान, कामरेड दविंदर और कुलदीप कुमार दीपा ने अवैध खनन के बारे में आरोप लगाया कि यह सब प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है और उन्होंने मांग की कि क्षेत्र की निशानदेही की जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, अन्यथा वे संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे और इसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
गौरतलब है कि वन विभाग के सख्त प्रावधानों के बावजूद जंगल में अवैध माइनिंग हो रहा है यह लोगों के लिए हैरानी की बात है। क्योंकि अगर कोई व्यक्ति जंगलों में से माइनिंग करते पकड़ा जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाती है, लेकिन माइनिंग माफिया पर विभाग की मेहरबानी से लोगों में गुस्सा है। इस संबंध में जब डी.एफ.ओ. हरभजन सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिस इलाके में खनन हो रहा है वह श्री आनंदपुर साहिब जिले में आता है। फिर भी हम इसकी जांच करेंगे। अगर यह गढ़शंकर इलाके में हो रहा है तो कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।