रायपुर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर पहुंचे हैं. अपने एक दिवसीय रायपुर दौरे के बीच उन्होंने नवा रायपुर के सेक्टर-20 में ‘ब्रह्माकुमारी संस्थान’ के नवनिर्मित शांति शिखर रिट्रीट सेंटर ‘एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड’ का लोकार्पण किया.
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यपाल रमेन डेका मौजूद रहे. वहीं संस्थान की ओर से अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती, अतिरिक्त महासचिव डॉ. राजयोगी बीके मृत्युंजय, रायपुर की संचालिका बीके सविता मौजूद रहे.
बता दें, प्रधानमंत्री आज एक दिवसीय रायपुर दौरे पर हैं. इस दौरान वे आज राज्य स्थापना दिवस (Rajyotsav 2025) पर आयोजित विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. पीएम छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हुए 14,260 करोड़ रुपये से अधिक की विकासात्मक और परिवर्तनकारी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे.
सात साल में बनकर तैयार हुआ शांति शिखर
संस्था की तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी बीके कमला के मार्गदर्शन में 15 जनवरी 2018 को शांति शिखर की नींव रखी गई थी. वर्ष 2022 में उनके देवलोकगमन से पहले लगभग 80 प्रतिशत काम हो गया था. जमीन ठोस नहीं होने की वजह से काफी गहराई तक मिट्टी निकाल कर स्लैब ढाला गया. इसी पर भवन के सारे कॉलम खड़े किए गए. जोधपुर के कारीगरों ने सात साल में राजस्थानी शैली के इस भवन को तैयार किया है. इसके लिए 150 से अधिक ट्रकों में जोधपुर से पिंक स्टोन मंगाए गए. इंदौर जोन के पूर्व निदेशक राजयोगी ओम प्रकाश भाई का संकल्प था कि रायपुर में ब्रह्माकुमारीज़ का सबसे अनोखा रिट्रीट सेंटर बनाया जाए, जिसे शांति शिखर के रूप में आकार दिया गया.
रायपुर क्षेत्र में 50 सेवाकेंद्र और 500 उपसेवाकेंद्र संचालित-
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के रायपुर यूनिट के तहत 50 सेवाकेंद्र और 500 उप सेवाकेंद्र संचालित हैं. शांति शिखर के निर्माण के लिए सभी केंद्रों में दान-कोष (भंडारी) लगाई गई थी. इसमें संस्थान से जुड़े सभी सदस्य वर्ष 2018 से हर दिन कम से कम एक रुपया का सहयोग करते रहे हैं. इस भवन के निर्माण में हर एक कार्य को बड़ी ही बारीकी और महीनता के साथ पूरा किया गया है. यहां अंदर प्रवेश करते ही दिव्य एवं शांति अनुभूति और पवित्रता के प्रकम्पन्नों को साफ महसूस किया जा सकता है.
ब्रह्माकुमारीज द्वारा गुलाबी पत्थर से बनाई गई पहली इमारत-
ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा विश्वभर में पिंक स्टोन से बनाई गई यह पहली इमारत है. छत्तीसगढ़ में प्रेस टेंसाइल बीम तकनीक से बनी यह पहली इमारत है. आमतौर पर इस तकनीक से बड़े-बड़े ब्रिज बनाए जाते हैं. 105 फीट ऊंची, 150 फीट चौड़ी और 225 फीट लंबी इस इमारत में अभी दो मंजिले और बनाई जा सकती हैं.
ब्रह्माकुमारीज़ के रायपुर क्षेत्र की संचालिका राजयोगिनी बीके सविता ने बताया कि लगभग दो एकड़ जमीन पर बना भवन देखने में राजस्थानी शैली के महल का अहसास देता है. यह पांच मंजिला भवन हाईटेक सुविधाओं से लैस है. ब्रह्माकुमारीज़ के देश-विदेश में स्थित रिट्रीट सेंटर में यह अपनेआप में सबसे अनोखा और आकर्षक है. शांति शिखर में विशेष रूप से समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए प्रोग्राम चलाए जाएंगे.
ये कार्यक्रम चलाए जाएंगे-
– राजयोग मेडिटेशन और आध्यात्मिक ज्ञान की नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी
– स्ट्रैस मैनेजमेंट के लिए प्रबंधन कौशल शिविर
– बच्चों, युवाओं और महिलाओं के लिए सशक्तिकरण कार्यक्रम
– सभी समाजों और ग्रामीणों के लिए आध्यात्मिक कार्यक्रम
– मूल्यनिष्ठ शिक्षा परियोजना के तहत आवासीय ट्रेनिंग प्रोग्राम
– पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण, मृदा संरक्षण, जल संरक्षण और प्राकृतिक खेती, जैविक-यौगिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम
– हृदय रोग, डायबिटीज और नशामुक्ति के लिए जागरूकता कार्यक्रम
– 2018 से 11 हजार सदस्यों ने रोज दिया न्यूनतम ₹एक रुपये इसी से तैयार हुआ राजस्थानी शैली में शांति शिखर
– 105 फीट ऊंची, 150 फीट चौड़ी और 225 फीट लंबी है यह इमारत
– राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह भी रहेंगे मौजूद
भवन में होंगी ये सुविधाएं-
– 2000 लोगों की क्षमता का एलईडी स्क्रीनयुक्त एसी ऑडिटोरियम.
– 400 लोगों की क्षमता के दो सेमिनार हॉल.
– 100 लोगों को एक साथ राजयोग ध्यान करने के लिए विशाल मेडिटेशन हॉल.
– 25 लोग लाइब्रेरी में एक साथ बैठकर संस्था की आध्यात्म व नैतिक शिक्षा देने वाली किताबें पढ़ सकेंगे.
– 100 अतिथियों को ठहरने के लिए सर्व सुविधायुक्त कमरे.
– 300 से अधिक लोग एक साथ भोजन डायनिंग हॉल में कर सकेंगे भोजन
– 200 से अधिक लोग वीडियो थिएटर में संस्था द्वारा तैयार की गई आध्यात्मिक फिल्में देख सकेंगे.
सर्व के सहयोग से
राजयोगी ओम प्रकाश भाईजी और राजयोगिनी कमला के शुभ संकल्पों से आज शांति शिखर बनकर तैयार है. इसे बनाने के लिए संस्थान जुड़े लगभग 11 हजार सदस्यों ने रोजाना कम से कम एक रुपये का दान किया. बड़ी संख्या में लोगों ने भी निर्माण सामग्री दान की. सर्व के सहयोग से आज शांति शिखर बनकर तैयार है. यह रिट्रीट सेंटर हजारों लोगों के जीवन में शांति का केंद्र बने यही शुभ आस है.
