
लखनऊ
उत्तर प्रदेश में रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा की परंपरा इस साल भी जारी है. परिवहन विभाग की ओर से 8 से 10 अगस्त तक रोडवेज बसों में महिलाओं और बालिकाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा दी जाएगी. इसके साथ ही प्रत्येक महिला के साथ आने वाले एक सहयात्री को भी बिना टिकट यात्रा की छूट दी गई है, यह सुविधा रोडवेज व नगरीय बस सेवा की बसों में मिलेगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चार अगस्त को बताया था कि हमारी सरकार ने तय किया है, 'रक्षाबंधन' के पावन अवसर पर (8-10 अगस्त) उ.प्र. राज्य सड़क परिवहन निगम और नगर विकास की बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा बहन-बेटियों को देने जा रहे हैं. यह पहल 2017 में शुरू हुई थी, जब रक्षाबंधन पर बहनों को आर्थिक बोझ से मुक्त रखते हुए अपने घर या भाइयों के पास पहुंचने का अवसर देने के लिए सरकार ने रोडवेज में मुफ्त सफर का ऐलान किया था. सरकार की ओर से जारी आकंड़ों के मुताबिक आठ साल में इस योजना के तहत 1.23 करोड़ से अधिक महिलाएं लाभ ले चुकी हैं. इस दौरान परिवहन निगम ने टिकटों के रूप में 101 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च खुद वहन किया.
यात्रा की अवधि और नियम
अवधि: 8 अगस्त की मध्यरात्रि से 10 अगस्त की रात 12 बजे तक
लाभार्थी: सभी आयु वर्ग की महिलाएं और बालिकाएं
अतिरिक्त लाभ: प्रत्येक महिला के साथ एक सहयात्री का टिकट भी माफ
लागू बसें: साधारण, जनरथ और कुछ अन्य श्रेणियां
रक्षाबंधन पर यात्रा का सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक रक्षाबंधन जैसे पारिवारिक और भावनात्मक पर्व पर महिलाओं की सुविधा के लिए शुरू हुई यह योजना अब एक सामाजिक परंपरा बन गई है. शुरुआत में इसे केवल एक दिन के लिए लागू किया जाता था, लेकिन समय के साथ यात्रा की अवधि और लाभार्थियों की संख्या बढ़ी. आंकड़ों के अनुसार, 2017 में लगभग 11 लाख महिलाओं ने इस सुविधा का लाभ लिया, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 29 लाख से अधिक हो गई. 2022 में भी 22 लाख से ज्यादा यात्रिणियों ने मुफ्त सफर किया.
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस अवधि में बसों की संख्या और रूट की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाती है, ताकि भीड़ के कारण किसी को असुविधा न हो. सुरक्षा के मद्देनज़र संवेदनशील रूटों पर पुलिस या होमगार्ड के जवान भी तैनात किए जाते हैं.
ग्रामीण और दूरदराज की महिलाओं को सबसे अधिक लाभ
इस सुविधा का सबसे बड़ा फायदा ग्रामीण इलाकों और छोटे कस्बों में रहने वाली महिलाओं को मिलता है, जहां से बड़े शहरों तक की यात्रा का किराया कई बार उनकी सामर्थ्य से अधिक होता है. मुफ्त बस सेवा के कारण वे न सिर्फ भाइयों के पास राखी बांधने जा सकती हैं, बल्कि त्योहार के दिन बिना आर्थिक चिंता के वापसी भी कर पाती हैं.
सहयात्री के लिए भी राहत
इस बार की घोषणा में महिलाओं के साथ एक सहयात्री के टिकट माफ करने का प्रावधान भी चर्चा में है. कई मामलों में महिलाएं छोटे बच्चों या वृद्ध परिजनों के साथ यात्रा करती हैं, जिनका किराया पहले अलग से देना पड़ता था. यह बदलाव कई परिवारों के लिए सुविधा और बचत दोनों लेकर आया है. हालांकि, यह छूट केवल चुनिंदा बस श्रेणियों में ही लागू होगी, ताकि राजस्व पर अनावश्यक दबाव न पड़े.