
भोपाल
आपका जन्म यदि सन 70, 80 या 90 के दशक में हुआ है तो आपने डाकघरों में रजिस्ट्री चिट्ठी ( Registered Post ) या रजिस्टर्ड पार्सल (Registered Parcel) का रुतबा देखा होगा। रजिस्ट्री वाली चिट्ठी भेजने के लिए अलग से काउंटर होता था। डाकघर वाले उसके लिए आपको एक रसीद काट कर देते थे। उस चिट्ठी के डिलीवर होने पर आपको पावती या एकनॉलेजमेंट (Acknowledgement) भी मिलता था। कुल मिला कर यह डाकघर की प्रीमियम सर्विस थी। इस सर्विस को डाक विभाग ने बंद करने का फैसला किया है।
कब से बंद होगी सेवा
भारतीय डाक विभाग के एक परिपत्र के मुताबकि 1 सितंबर, 2025 से रजिस्टर्ड पोस्ट (Registered Post) सेवा बंद हो जाएगी। डाक विभाग स्पीड पोस्ट (Speed Post) के साथ रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को इंटीग्रेट करने क राह पर है। सरकार का दावा है कि ऐसा करने से काम करने का तरीका और भी आधुनिक हो जाएगा।
दशकों से बड़ी इज्जत थी रजिस्ट्री चिट्ठी की
रजिस्ट्री चिट्ठी या रजिस्टर्ड पोस्ट की अभी तक बड़ी इज्जत रही है। कोई महत्वपूर्ण कागजात भेजना हो, बाहर पढ़ने वाले बच्चों को बैंक ड्राफ्ट बना कर भेजना हो या रक्षा बंधन पर राखी, सबके लिए रजिस्टर्ड पोस्ट का इस्तेमाल होता है। आजादी के बाद से ही रजिस्टर्ड पोस्ट बेहद भरोसेमंद माना जाता था। सरकार भी अपाइन्टमेंट लेटर भेजने में इसका इस्तेमाल करती रही है। साथ ही अदालत भी कानूनी नोटिस इसके जरिए भेजा करती थी।
एक सितंबर से बदल जाएगा सिस्टम
डाक विभाग के सचिव और डायरेक्टर जनरल ने सभी विभागों, अदालतों, संस्थानों और लोगों को 1 सितंबर तक नई व्यवस्था में बदलने के लिए कहा है। 31 अगस्त तक दोनों सेवाएं पहले की तरह चलती रहेंगी। लेकिन 1 सितंबर से लोगों को अपनी चीजें स्पीड पोस्ट से भेजनी होंगी। इस तरह रजिस्टर्ड पोस्ट का एक युग खत्म हो जाएगा।
क्यों हुआ है यह बदलाव
बताया जा रहा है कि यह बदलाव इसलिए किया जा रहा है क्योंकि रजिस्टर्ड पोस्ट का इस्तेमाल बहुत कम हो गया है। लोग अब ऑनलाइन चीजें इस्तेमाल करने लगे हैं। व्हाट्सऐप और ईमेल के चलते अब पत्र लिखना या भेजना भी कम हो गया है। इसके अलावा प्राइवेट कूरियर (Private Courier) और ई-कॉमर्स (E-commerce) लॉजिस्टिक्स से भी रजिस्टर्ड पोस्ट का मुकाबला बढ़ गया है।
सरकार चाहती है स्पीड पोस्ट चलता रहे
डाक विभाग की ही एक और सेवा स्पीड पोस्ट है। इसे 1986 में शुरू किया गया था। रजिस्ट्री चिट्ठी की तरह ही इसमें भी बुकिंग के वक्त रसीद दी जाती है। इसे आप ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं। हालांकि, स्पीड पोस्ट की सेवा रजिस्टर्ड पोस्ट से महंगी है। अब डाक विभाग का रेट देखिए। रजिस्टर्ड पोस्ट की शुरुआत 25.96 रुपये से होती थी। इसके बाद हर 20 ग्राम के लिए 5 रुपये ज्यादा लगते थे। वहीं स्पीड पोस्ट 50 ग्राम तक के पार्सल के लिए 41 रुपये से शुरू होता है। यह लगभग 20-25% महंगा है।
रजिस्टर्ड पोस्ट में लगातार आ रही थी गिरावट
आधिकारिक डाक डेटा 2011-12 के अनुसार हर साल रजिस्टर्ड पोस्ट की संख्या में गिरावट आ रही है. साल 2011-12 में रजिस्टर्ड डाक से भेजने वाले आर्टिकल 24 करोड़ से घटकर 2019-20 में 18 करोड़ के रह गए. 25 फीसदी की कमी साफ देखी जा सकती है. कोरोना के बाद से तो स्थिति और खराब हो गई है.
कितना आएगा खर्चा
50 ग्राम के पार्सल के लिए 200 किमी से ऊपर 35 रुपये,
200 ग्राम के पार्सल के लिए 200 से 1000 किमी के लिए 40 रुपये, 1000 से 2000 हजार किमी के लिए 60 रुपये और 2000 किमी से ऊपर के लिए 70 रुपये चार्ज लगेगा.
201-500 ग्राम के लिए 200 किमी तक 50 रुपये, 1000 किमी तक 60 रुपये, 2000 किमी तक 80 रुपये और 2000 किमी से ऊपर के लिए 90 रुपये का चार्ज लगेगा
हर 500 ग्राम बढ़ाने पर 200 किमी तक 15 रुपये, 1000 किमी तक 30 रुपये, 2000 किमी तक 40 रुपये और 2000 किमी से ऊपर के लिए 50 रुपये डाक विभाग लेगा.
एक युग का अंत
रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा का बंद होना एक युग का अंत होना है। रजिस्टर्ड पोस् काफी लोगों के लिए भरोसे का प्रतीक रहा है, खासकर गांवों में रहने वाले लोगों के लिए। बैंक, विश्विद्यालय और सरकारी विभाग कानूनी रूप से मान्य कागजात भेजने के लिए रजिस्टर्ड पोस्ट का इस्तेमाल करते थे।
ब्रिटिश शासनकाल में 1854 में शुरू हुई रजिस्टर्ड डाक (Registered Postal Service) स्पीड पोस्ट (Speed Post) में मर्ज की जा रही है। यह एक सितंबर से लागू होगी। इसके बाद जरूरी कागजात या सामान भेजने के लिए स्पीड पोस्ट विकल्प बचेगा। हालांकि विभाग ने कहा है कि नाम में बदलाव होगा, लेकिन पुरानी सेवा भी ली जा सकती है। शुल्क कम-ज्यादा हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि रजिस्टर्ड डाक का कम से कम शुल्क 26 रुपए है। स्पीड पोस्ट का कम से कम शुल्क 41 है। सरकार टैक्स भी वसूलेगी।
रजिस्टर्ड डाक
प्राप्तकर्ता के सत्यापन के साथ सुरक्षित डिलीवरी। स्पीड पोस्ट की तुलना में धीमी। तुलनात्मक रूप से कम शुल्क। ट्रैकिंग उपलब्ध।
स्पीड पोस्ट
तेज और समयबद्ध डिलीवरी। दिए गए पते पर कोई भी व्यक्ति ले सकता है। शुल्क थोड़ा ज्यादा। ट्रैकिंग रियल टाइम के साथ।
यहां ज्यादा उपयोग
रजिस्टर्ड डाक का कोर्ट, सेना की यूनिटें, रेलवे जोन, पुलिस विभाग, बिजली कंपनियों के मुख्यालय, संभागायुक्त कार्यालय, नगर निगम सहित अन्य जगह।
ऐसे समझें फर्क
रजिस्टर्ड डाक: प्राप्तकर्ता के सत्यापन के साथ सुरक्षित डिलीवरी। स्पीड पोस्ट की तुलना में धीमी। तुलनात्मक रूप से कम शुल्क। ट्रैकिंग की सुविधा।
स्पीड पोस्ट: तेज और समयबद्ध डिलीवरी। दिए गए पते पर कोई भी व्यक्ति कर सकता है। शुल्क थोड़ा ज्यादा। ट्रैकिंग रियल टाइम के साथ।
ट्रांसपोर्ट व्यवस्था होगी तेज
रजिस्टर्ड डाक सेवा स्पीड पोस्ट में मर्ज की जा रही है। इससे ट्रांसपोर्ट व्यवस्था तेज होगी।
विनीत माथुर, मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल मध्यप्रदेश परिमंडल, भोपाल