
सतना
मध्य प्रदेश के सतना जिले में मंगलवार को एक अनोखा नजारा दिखा। कलेक्टर समेत कई अधिकारी साइकिल लेकर निकले। करीब 3 किलोमीटर साइकिल चलाकर कलेक्टर अपने ऑफिस पहुंचे को यहां काम करने वाले लोग भी हैरान हो गए। रोज सरकारी गाड़ी से आने वाले कलेक्टर आज अचानक साइकिल से कैसे ऑफिस पहुंच गए। दरअसल, कमिश्नर बीएस जामोद के अपील के बाद सतना जिले में हर मंगलवार को ‘ साइकिल डे ’ के रूप में मनाने की अनूठी पहल की गई है।
इस पहल की शुरुआत मंगलवार को देखने को मिली है। जब कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस सहित प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी साइकिल से दफ्तर पहुंचे। सुबह कलेक्टर अपने बंगले से संयुक्त कलेक्ट्रेट तक की करीब तीन किलोमीटर की दूरी 25 मिनट में साइकिल से तय की है। उनके साथ एसडीएम सिटी राहुल सलाडिया, तहसीलदार रघुराज नगर सौरभ मिश्रा सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी साइकिल चलाते नजर आए।
पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों की रक्षा
रीवा संभाग के कमिश्नर ने एक अभिनव पहल शुरू की है। इस अभियान का मकसद वायु प्रदूषण में कमी, ईंधन की बचत, और स्वास्थ्य लाभ जैसे बहुआयामी उद्देश्यों को हासिल करना है। गाड़ियों से निकलने वाले धुएं में कमी आने से न केवल वायु प्रदूषण घटेगा, बल्कि शहर का पर्यावरण भी स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक बनेगा। साइकिल चलाना एक बेहतरीन व्यायाम है, जो न केवल शरीर को तंदरुस्त रखता है, बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जा प्रदान करता है। साथ ही, यह निजी आर्थिक बचत और राष्ट्रीय संसाधनों के संरक्षण में भी सहायक है।
महिला कर्मचारियों के लिए ई स्कूटी की सुविधा
कमिश्नर द्वारा दी गई गाइडलाइन में महिला अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-स्कूटी या सार्वजनिक परिवहन से कार्यालय आने का विकल्प भी दिया गया है। इसके अलावा फील्ड विजिट के लिए पूल गाड़ी प्रणाली अपनाने की सलाह दी गई है। जिससे 2-3 अधिकारी मिलकर एक ही वाहन से क्षेत्रीय निरीक्षण कर सकें। इससे समन्वय बेहतर होगा और योजनाओं का त्वरित समाधान भी संभव होगा।
साइकिल चलाने में आनंद आया
कलेक्टर सतीश कुमार एस ने बताया कि यह एक अच्छी पहल है। स्वास्थ्य और फिटनेस के हिसाब से यह एक अच्छा माध्यम भी है। इसमें हम पर्यावरण के साथ साथ खुद के स्वास्थ्य को भी अच्छा रख सकते हैं। साइकिल से चलने में एक तरह से प्रदूषण में कमी आएगी। आज करीब तीन किलोमीटर साइकिल चलाकर टीम के साथ पहुंचा तो एक अलग ही आनंद महसूस कर रहा हूं।