
भोपाल
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री की मन की बात ज्ञान की बातों का कार्यक्रम है। इसमें ज्ञान और संस्कार की बातें होती है। देश के कोने-कोने में हो रहे प्रेरक कार्यों और प्रसंगों की जानकारी होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की बातों से विद्यार्थियों को नया उत्साह और प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी आदतें बड़े बदलाव का कारण बनती है। कार्यक्रम ज्ञान की बातों का खजाना है। इसलिए जरूरी है कि प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम सुनना आदत बनाई जाए। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के सभी छात्र-छात्राओं और एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कक्षा 9 से लेकर 12 वीं तक के सभी विद्यार्थी प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम में शामिल हो। कोई छात्र-छात्रा कार्यक्रम से वंचित नहीं हो।
राज्यपाल श्री पटेल ने यह बात भोपाल में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ चर्चा में कहीं। राज्यपाल एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भोपाल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मन की बात कार्यक्रम को बच्चों के साथ सुनने के लिए पहुँचे थे। इस अवसर पर राज्यपाल श्री पटेल ने विद्यालय के बालिका छात्रावास का निरीक्षण भी किया। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मन की बातें गागर में सागर के समान होती है। उसमें अच्छे जीवन के मंत्र होते हैं। उत्कृष्ट कार्यों का बखूबी जिक्र होता है। नवाचार और सफलता के किस्से होते हैं। विभिन्न विषयों की वृहद जानकारियां अल्प अवधि में उपलब्ध हो जाती है, जो हमें जीवन की सही दिशा दिखाती है। अनेक चुनौतियों और समस्याओं के समाधान भी हमें कार्यक्रम में मिल जाते हैं।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में ग्रामीण आजीविका, विकास और जन कल्याणकारी कार्यों का विवरण मिलता है। अत्यंत प्रेरणादायी और मार्गदर्शी विकास की नई पहल और सफलता की कहानियों का पता चलता है। उन्होंने प्रदेश की समस्त पेसा ग्राम सभाओं के पदाधिकारियों से अपील की है कि प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम प्रसारण दिवस पर ग्राम सभाओं का आयोजन करने का प्रयास करें। कार्यक्रम में सहभागिता से ग्राम सभा सदस्यों को ग्राम विकास और कल्याण प्रयासों का दिशा का दर्शन होगा। विकास के लिए सामूहिक प्रयासों की प्रेरणा मिलेगी।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सार्थक ज्ञान वही है जो संस्कार युक्त हो। उच्च शिक्षित होना पर्याप्त नहीं है। अच्छा जीवन जीना महत्त्वपूर्ण है, जिसमें दायित्व का बोध हो। उन्होंने कहा कि संस्कारित जीवन के लिए बचपन से ही प्रयास किए जाना जरुरी है। उन्होंने आवासीय विद्यालय के शिक्षकों, प्रबंधकों और विद्यार्थियों को मिलकर संकल्प के साथ इस दिशा में प्रयास करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि दिन की अच्छी शुरुआत, अच्छे जीवन का सबक है। सूर्योदय के साथ प्रातः विधि के बाद कक्ष की सफाई और उसे सुव्यवस्थित करें। उसके बाद स्नान ध्यान कर नाश्ते के बाद अध्ययन प्रारम्भ करना चाहिए।
राज्यपाल श्री पटेल ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पहुँचने पर जनजातीय नायक एकलव्य की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनका पुण्य स्मरण किया। राज्यपाल का तुलसी का पौधा और पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। जनजातीय कलाकृति स्मृति स्वरूप भेंट की गई। शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत की संगीतमय प्रस्तुति दी।
स्वागत उद्बोधन अपर संचालक जनजातीय कार्य श्री सुधीर कुमार जैन ने दिया। उन्होंने बताया कि देश के 690 एकलव्य विद्यालयों में 63 विद्यालय मध्यप्रदेश में है। विद्यालय में संचालित नीट, जे.ई.ई. परीक्षा तैयारी कार्यक्रम के 63 बच्चें नीट में और 6 बच्चें जे.ई.ई. में चयनित हुए है। आभार प्रदर्शन विद्यालय के प्राचार्य श्री अमृत झारिया ने किया।