
नई दिल्ली
रूस से तेल आयात को लेकर अमेरिका से चल रहे तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत आने वाले हैं। इस दौरे की तारीख सामने आ गई है। पुतिन का भारत दौरा 5-6 दिसंबर को हो सकता है। इस दौरान उनकी मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी से भी होगी। पुतिन के भारत दौरे से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मिर्ची लगना स्वाभाविक है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के भारत शिखर सम्मेलन के लिए आने की उम्मीद है। भारत और रूस के बीच दशकों से संबंध अच्छे रहे हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर दिखाई गई सख्ती से मॉस्को और नई दिल्ली के बीच संबंध और बेहतर हो गए हैं। हाल ही में चीन के तियानजिन में भी पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी। सामने आई तस्वीरों ने अमेरिका को हिलाकर रख दिया था और फिर ट्रंप ने भी दोबारा भारत से संबंध सुधारने की कोशिश की।
दरअसल, ट्रंप पिछले कई सालों से चल रहे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को रोकना चाहते हैं। वह दोनों देशों से कई बार अपील कर चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली है। अब वे उन देशों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, जो रूस से तेल आयात करते हैं। भारत ने साफ किया है कि वह उन कदमों को उठाएगा, जो राष्ट्र हित में हैं। ऐसे में रूस से तेल आयात भारत ने जारी रखा है। इसी वजह से ट्रंप ने पहले भारत पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाया, लेकिन बाद में तेल खरीदने की वजह से 25 फीसदी और टैरिफ लगा दिया। इससे अमेरिका और भारत के बीच संबंधों में और दरार आ गई।
पुतिन के इस दौरे के बारे में सबसे पहले ऐलान एनएसए अजीत डोभाल के मॉस्को यात्रा के दौरा किया गया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पुतिन के भारत दौरे की जानकारी दी थी। भारत भी रूस और यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के पक्ष में है। पीएम मोदी और पुतिन की बातचीत के दौरान भी कई बार युद्ध खत्म करने की अपील की गई है। चीन में एससीओ समिट के इतर भी पुतिन और पीएम मोदी की बातचीत हुई थी। इस दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष को सुलझाने के लिए रूस के प्रयासों का स्वागत किया था। उन्होंने रूस और भारत के बीच घनिष्ठ संबंधों की सराहना की और कहा कि द्विपक्षीय सहयोग वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।